Jitiya 2021, Jitiya Kab Hai: शुभ मुहूर्त से लेकर विधि यहां जानें सब कुछ:- शाम को गाय के गोबर से घर लीपें। मिट्टी खोदकर तालाब बनाएं। मिट्टी या गोबर से चिल्ली और सियारिन की मूर्ति बनाएं उस पर लाल सिन्दूर लगाएं और बांस के पत्तों से पूजा करें। इस व्रत में माता जीवित्पुत्रिका और राजा जीमूतवाहन दोनो की सम्यक रुप से पूजा एवं पुत्रों की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है।

Jitiya 2020
जितिया व्रत कब है? (Jitiya Kab Hai)
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार जितिया व्रत अश्विन माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तक मनाया जाता है. इस बार यह व्रत 28 सितंबर दिन Tuesday को है।. व्रत का मुख्य दिन अष्टमी यानी कि 29 सितंबर को है.
जीवित्पुत्रिका व्रत यानी जीतिया, यह जीवित पुत्र के लिए रखा जाने वाला व्रत। संतान के दीर्घायु होने की कामना के साथ किया जाने वाला जीवितपुत्रिका व्रत अत्यंत कठिन है। इसमें व्रती निर्जला उपवास रखती हैं। व्रत के दौरान रात्रि जागरण, हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तिथि तक जिउतिया पर्व मनाया जाता है।
जिउतिया पर्व शुभ मुहूर्त–
अष्टमी तिथि शुरू:-अष्टमी तिथि का प्रारंभ 28 सितंबर दिन tuesday को Evening 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, जो 29 सितंबर दिन Wednesday को Evening 08 बजकर 29 मिनट तक है। व्रत का समय उदया तिथि में मान्य होगा, ऐसे में जीवित्पुत्रिका व्रत 29 सिंतबर को होगा। व्रत को करते समय केवल सूर्योदय से पहले ही खाया पिया जाता है। इस व्रत से पहले केवल मीठा भोजन ही किया जाता है। यह निर्जला व्रत होता है।
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