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By | November 6, 2020

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Latest Bhojpuri Shayari

 

Tara cycle ke ghanti aa gaal ke teel

Kar dele ba hamar jiyal muskil

 

आज सोचनी की तोहरा के सपना कही
पर सपना त सच होखेला ना
तू ख्याले में रोज आईल कर
लोग कहेला की ख्याल कबो बदलेला ना

 

प्यार मे कोई दिल तोड जाला.
दोस्ती मे कोई भरोसा तोड जाला.
जिनगी जियल केहु गुलाब से सीखो,
जे खुद टुट के दुगो दिल जोड जाला.

 

तहरा ख्याल से खुद के छुपा के देखले बानी,
दिल आउर नजरिया के रुला-रुला के देखले बानी.।
तू नइखूू त कुछहू भी नईखे तहार कसम,
हम कुछ पल तहरा भुला के देखले बानी..।।

 

केहू बताई ए दिल के समझाई कईसे,
जेके चाहत तानी उनके नज़दीक लाई कईसे..।
उ त हर तमन्ना हर एहसास बानी हमार,
मगर ये एहसास के ई एहसास दिलाई कैईसे..।।

 

हमके अब तोहरा से भी प्यार ना रह गईल,

अब इ जिनगियों के जरुरत हमरा के न रह गईल,

बुझ गईल उनकर इंतज़ार में जरत उ दियवा भी,

अब त उनकर आवे का अंदेशा भी न रह गईल।

 

केकरा के क़ातिल हम कही केकरा के मसीहा समझी
सब तअ ईहां दोस्त ही बाड़न केकरा के का समझी |

 

ई आंसुवन के बूँद हअ या अँखीया के नमी,
न ऊपर असमान बा न नीचे जमी बा..!
ई कईसन मोड़ बा जिनगी के,
उनही के जरूरत बा आउर उनही के कमी..!!

 

चाँदनी चाँद से होला सितारन से ना.
प्यार एक से होला हजारन से ना.

 

जिंदगी भर हम जिंदगी से दूर रहनी
तहरा खातिर हम अपनों से दूर रहनी
अब एह से बढ़ के वफ़ा के सजा का होई
तहार हो के तहरो से दूर रहनी

 

बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन |

 

इरादन में एतना जान काहें बा हमरा अबहीन..।
तोहार कईल वादन क इम्तिहान बाकी बा अबहीन..।।

 

खालीयो शिशा मे निशान रह जाला
टूटल दिल मे भी अरमान रह जाला
जवन खामोशी से गुजर जाला
उ दरिय़ा भी आपन दिल मे तूफान राखेला

 

मुँह पर बड़ाई आ पीठ पाछा बुराई करे वालन से दुनिया भरल बा. दोस्त ऊ होला जे मुँह पर दोष बतावे आ पीठ पाछा बड़ाई करे

 

छत से तू आपन हमरा घर के देख ला ,

सपना तू कवनो आज निमन देख ला,

परखे के बा अगर प्यार के हमरे ता,

तू बोला कवनो झूठ और हमार विश्वास देख ला।

 

ई छोट से दिलवा में, केकरा केकरा के जगह देहीं हम….!
येकरा में गम रही दर्द रही फरियाद रही या..तोहार याद रही…!!

 

सोना देनी सोनार के पायल बना दिहले.

दिल देनी दिलदार के घायल बना दिहले.

 

बेबफा तोहरे चलते प्यार में बदनाम हो गईनी..!
झुठो के किरिया खईलु झुठो के वादा कईलु..,
हम त जियते निलाम हो गईनी..!!

 

घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी

 

हमरा के रोवावे खाति उ कवनो कसर बाकी ना रखलस, हमार हंसी देखि के का जाने काहे ओकर लोर गिर परल |

 

चलेला गाडी त उडेला धूल.

मिलेला प्रेमी त खिलेला फूल.

 

लिख देही त लफ्ज़ तु ही बालु,
सोची ले त ख़्यालो में तु ही बालु…!
मांगी लें त मन्नत में तु ही बालु,
चाही लें त मोहब्बत में भी तु ही बालु…!!

 

tahra julfo ke saya me raheni. ahi se i love you kaheni.

 

Apan Dil Mein Tohar Pyar Ki Dastaan Likhle bani
Na Tani Na dher pura Likhle bani
Kahiyo Hamro khatir Bhi Dua Kar Liha
Kahe Ki Ham Apan Har Ik Saans Tohare Naam Likhle bani

 

उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द..!
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ..!!

 

ई दिलवा से बढके आऊर कवनो कबरगाह ना होई ..!
न जाने केतने याद एहमा हर रोज दफन होत बा..!!

 

तू का बुझअ का होला तनहाई, तू का जनबअ का होला बेवफाई
हई टूटल पाटीये से पुछअ का होला जुदाई, अरे अब केतना जुलम सहीं जालीम
ई रतीये से पुछअ कब तहार याद ना आईल

 

हम कहनी कि ऊ त गैर बा,

कहलस दिलवा इ ता दिल के चोर बा,

कहनी हम की ऊ सपना बा जाएदा,

तबो दिलवा कहलस ऊ त तोहार आपन प्यार बा।

 

बिल्कुल अपने जईसन बना दिहले बालू तु हमके..!
अब त हमरो के भी कुछ महसूस नईखे होत..!!

 

हो गईल ख़तम आखिर इंतज़ार तोहर,

एहसास हो गइल हुमके दरदिया तोहार,

न रुठिया अब कबो हमरा से,

ल आ गयिनी हम बनके प्यार तोहर।

 

तनहा रहल त मोहबबत करे वाला क रशम-वफा हवे
अगर फूल खुशी खातिर होत त केहू जनाजा पर नाही डालत |

 

कह द ना एह दरद के.. तोहरा तरह बन जास..!
ना हमके याद करस.. आउर ना हमरे करीब आवस..!!

 

तहार ई बेरूखी कवनो काम क ना रह जाई !
आ जाई अपने दिल के समझावे हमरा त !!

 

हर सँझिया से तोहार बतिया किहल करिले,

अपना सपनवा में तोहरा के ही देखल करिले,

प्रेमी ही त बानी हम तोहार जवन,

हर समइया तोहसे मिले के राह देखल करिले।

 

हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले.

 

ना अब मुड़ के देखा तु , ना कवनो आवाज़ दा हमके..!
बड़ी मुश्किल से सीखले हई, तहरा के भुलाये..!!

 

बतिया ता बहुत बा पास हमरे की,

एह पागल दिलवा के तोहसे दूर करी,

कई देवेला मज़बूर हमरा के इ मोहब्बत,

तुहीं बतावा इ मोहब्बत के का करी।

 

उ गैइर समझे लगलन हमके..!
जे काल तक जान जान कहत रहलन..!!

 

मुस्कुरा जे छुपा लेला आपन आंसू
अपने हालत से ऊ गैरन के भी रुला देला.

 

टूटल जब सपना त के सुनी ई सिसकी
अन्तर क ई चीर व्यथा पलकन पर ठिठकल बा |

 

बेशक’ हमार जिनगी तहरा साथ क मोहताज नईखे, !
पर ई ‘दिल’ मे तोहार एहसास के तलबगार आज भी बा.. !!

 

ढलत रातीया में नींद आवे त सुत लेहल करा..!
अइसे रात भर जगला से बिछड़ल लोग लौटस नाही..!!

 

बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन,
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन

 

हम जब भी डूबल चाहीला
आकाश के ई नील गगनवा में
न जाने काहें..!ई घनघोर बदरा
नाय़ बन के हमके बचा लेवेला |

 

का पता का खूबी बा उनकरा मे आउर का कमी बा हमरा में..!
ऊ न त हमरा के अपना सकेलन आउर न हम उनकरा के भुला सकीले..!!

 

केहु के प्यार मे पियल ज़हरियो नीक़ लागेला,
अंज़ोरिया त अंज़ोरिये ह अन्हरिओ नीक लागेला !

 

HAM TAHAKE CHAHI TU HAMKKE CHAH,
HAM TAHAR HAI ETANA NA TADPAV,
TAHAR PYAR ME AISHAN JADU BA KI
BIN BULAVA HAM KHICHAL CHALI AYEE.

 

जिनगी सारा गुजर गईल इ काँटन के सहारे..!
आउर अब मचइले बाडे़ भीड़ इ फूल हमरा मजार पे..!!

 

Dheeraj Dharah Hamhoo Bekaraar Hai
Tu Hamaar Jaan Hau Ta Ham Tohaar Pyaar Hai
Biswash Rakheeha Aapna Pyaar Peh
Kasam Sey Kahiley Humtohaar Hai.

 

सांस रुक जाई त रुक जाई जिंदगी
हर सांस में तू ही समाइल बाडू
ह्र दिन करी जतन भूल जाए खातिर
एक पल भी कहाँ तू भुलैइल बाडू…

 

ईहे बहुत बा हमारा खातिर..!
कि रउवा पलट के देख लिहनी,
ई लुत्फ़ भी हमारा उम्मीद से कुछ ज्यादा रहे..!!

 

Tu Ruth  Jaibu To Jiyab Kaise, Phhatal Krejwa Ke Siyab Kaise

Tu Hi To Hau Hmar Soneke Surahi, Tu Hi Phoot Jaibu To Pani Piyab Kaise

 

परवाना रहल कबो अब दीवाना हो गईल
अफसाना हमार उनका खातिर तराना हो गईल
कबो हमहु जात रहनी उनुका घर के जरी से ..
अब त हमार परछाई भी उनुका खातिर बेगाना हो गईल…

 

ई उदास कोहरा पे सवार हवे,
हमार बे-पनाह अश्क़न क बरसात..!
ई अऊर बात हवे, कि तक़दीर हमरा से लिपट के रोवलस,
बाकी …… बाज़ू त तहरा देख के ही फैलईले रहीं..!

 

टूटल अईसन दिल आवाज तक ना आईल
हम कईसे जीयतबानी केहू जीके त बतावस

 

बहुते परेशान बानी तहार नोकरी से ऐ ज़िनगी..!
ठीक त ईहे होई कि तू हमारो हिसाब क द..!!

 

तहरे दुआ में अटकल रहे हरमेसे हमार दिल..!
न जाने काहे तहरा सिवा कुछ आउर मांगबे ना कइनी..!!

 

तू का बुझअ का होला तनहाई, तू का जनबअ का होला बेवफाई..!
हई टूटल पाटीये से पुछअ का होला जुदाई, अरे अब केतना जुलम सहीं जालीम..
ई रतीये से पुछअ कब तहार याद ना आईल..!

 

केतना इत्मिनान से उ ठुकरा गैलन हमके
आंसू बनाई के आंख से टपकाई गैलन हमके
कैसन ई रहबरी रहल कैसन फरेब रहल
राह देखाई के उहा से भटकाई गईलन हमके

 

केकरा के क़ातिल हम कही केकरा के मसीहा समझी ..!
सब तअ ईहां दोस्त ही बाड़न केकरा के का समझी ..!!

 

सांस टूट रहल बा, लेकिन आस अभी बाकी बा
मन तडफडा रहल बा , हमार प्यास अभी बाकी बा
तु हरदम बाडु हमरा संगे, ई एहसास अभी बाकी बा
इंतेजार रही मुवे घरी ले काहे की सांस अभी बाकी बा.

 

हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले..!
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले..!

 

रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्,
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्..!
हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम,
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्..!!

 

राजपूत के बाबू कहले, ब्राह्मण के खिअवले, लाला के लेले देले, राड़ के लतियवले. जइसन देवता, वइसन पूजा.

 

जब जब देखी नी उनका के ता उ नजर झुका ले ली
जुबान त खामोश रहेला, लेकिन अँखियन से जता देली…
अब अगिला लाइन :-
जाने कवन बात बा कि ऊ मुस्कुरा देली..

 

टूटल जब सपना त के सुनी ई सिसकी..!
अन्तर क ई चीर व्यथा पलकन पर ठिठकल बा..!

 

घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!

 

काश कि ई आंसुवन के साथ तहार याद भी बह जात..!
त एक दिन तस्सली से बईठ के रो लेंती..!!

 

तनहा रहल त मोहबबत करे वाला क रशम-वफा हवे..!
अगर फूल खुशी खातिर होत त केहू जनाजा पर नाही डालत..!!

 

ई उदास कोहरा पे सवार हवे,
हमार बे-पनाह अश्क़न क बरसात..!
ई अऊर बात हवे, कि तक़दीर हमरा से लिपट के रोवलस,
बाकी …… बाज़ू त तहरा देख के ही फैलईले रहीं..!!

 

आँसू क समन्दर ख़रीदे में,हर सुकून गवां दिहली हम..!
ई दर्द का समा,बड़ी मुश्किल से कमइले बानी हम..!!

 

रूह से कह द रूवावल छोर दे !
या बदन क आशियाना छोर दे !

 

सोचतानी कइसे उनुके भुलायेब हम,
अब अपना दिल के कैसे समझायिब हम,
ऊ ता बस छोड़ के चल देहली ,
अब जीए खातिर कवन उपाय लगायिब हम …

 

काश कि ई आंसुवन के साथ तहार याद भी बह जात..!
त एक दिन तस्सली से बईठ के रो लेंती..!!

 

साँच के हरान भले कर दिहल जाव, हरावल ना जा सके. साँच पर टिकल रहऽ ऐ दोस्त, आखिरी जीत तहरे होखी.

 

आज तू पास नईखु तबो तहार साथ बा
अकेले बानी, लेकिन याद दिल के पास बा
प्यार जिनगी बना देवेले, हमहुँ सुनले रहनी,
लेकिन अब त खाली गम के सैलाब बा…

 

कइसे खतम कर सकीला उनका से आपन रिसता,
जिनका बारे मे बस सोचते ही सारा दुनिय़ा भूल जाइला हम

 

काहो नींद अब त आवल करअ, केहू नईखे अब हमरा पास..!
जेकरा खातीर तहरा के छोड़ले रहीं,
ऊ त अब छोड़ के चल गईनी..!

 

मरल आस- विश्वास जो अउर गइल मन हार. तब बूझीं जे आदमी, भरलो-पुरल भिखार.

 

रूह समाईल बा ई देह में, देह इ जहान में फसल बा..!
ज़िंनगी ईहे सिलसिला से बस आगे बढ़ रहल बा..!!

 

हाट बाट के दोस्ती, बदरायन संबंध़ बहत हवा ना दे सकी बारमबार सुगन्ध. दोस्ती अजमावे के बात ना, निभावे के बात हऽ, बुझलऽ ईयार ?

ना जाने कइसन एह जुग के असर बा, पाथर का पहरा में शीशा के घर बा |

 

काहे बनावत बाडू बालू पर महल,
एक दिन खुदे मितायिबू तू ,
आज कहबू की हमरा से प्यार बा तहरा,
एक दिन हमार नाम तक भूल जई बू तू…

 

घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी |

 

सोचतानी कइसे उनुके भुलायेब हम,
अब अपना दिल के कैसे समझायिब हम,
ऊ ता बस छोड़ के चल देहली ,
अब जीए खातिर कवन उपाय लगायिब हम …

 

कवने लालच में ईमान खराब कई देहलू,
हमरे अटूट विश्वाश से काहें छल कईलु |

 

पलक में आँशु के सजावल ना गईल,
उनको के भी दिल के हाल बतावल ना गईल !
जख्म से चूर चूर रहुये ई कलेजा हमार,
बाकिर एगो जख्म उनका से देखावल ना गईल. !!…

 

जे तहरा खातिर काँट बने तू कर दऽ ओकरा भाला,
उहो सार समुझ जइहन कि पड़ल केहू से पाला |

 

तू का बुझअ का होला तनहाई
तू का जनबअ का होला बेवफाई
हई टूटल पाटीये से पुछअ का होला जुदाई
अरे अब केतना जुलम सहीं जालीम
ई रतीये से पुछअ कब तहार याद ना आईल |

 

घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!

 

हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले!

खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले !!

 

जिंदगी भर हम जिंदगी से दूर रहनी ,
तहरा खातिर हम अपनों से दूर रहनी ,
अब एह से बढ़ के वफ़ा के सजा का होई ,
तहार हो के तहरो से दूर रहनी |

 

उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु..!
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला..!!

 

दरद दे के दरद बढावल ना जाला
दीप जलाके दीप बुझावल ना जाला
प्रेम केतनो बढ़ी पर बेगाना ना होई
दिल लगाके दिल हटावल ना जाला |

 

मेहंदी रंग लावेला सुखला के बाद में
दोस्ती याद आ वे ला छुटला के बाद में.

 

ना उ कईली बेवफाई ना हम कईनी बेवफाई,
किस्मत में लिखल रहे उनका से जुदाई।

 

ई फूलन मे अब उ महक कहॉ
इ राह क अब कवनो मंजिल कहॉ
क लेती हम मोम अगर केहू पत्थर दिल होत त
पर इहां त केहू में इंसानी दिल बा कहॉ

 

रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्
हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्

 

आसमान से ऊँचा केहू नईखे.

सागर से गहरा केहू नईखे.

अइसे त हमरा के सब चाहेला
लेकिन,

तहरा से प्यारा केहू नईखे.

 

अईसन परिंदन के कईद कईल हमार फितरत नईखे
जे हमरा दिल के पिंजरा में रहके भी केहू आउर के संग उड़े क शउख रखे..

 

समय नुर के बेनुर बना देला.
तनिका जख्म के नासुर बना देला.
के चाहेला आपना से दुर होखल
लेकिन,
समय सबके मजबुर बना देला.

 

आजु हम अपने आप से कुछ कहल चाहत तानी
बाहर त बहुत छलकनी अब अंदर ही बहल चाहत तानी

 

ई उदास कोहरा पे सवार हवे
हमार बे-पनाह अश्क़न क बरसात ई अऊर बात हवे,
कि तक़दीर हमरा से लिपट के रोवलस,
बाकी ..बाज़ू त तहरा देख के ही फैलईले रहीं

 

रूह समाईल बा ई देह में, देह इ जहान में फसल बा
ज़िंनगी ईहे सिलसिला से बस आगे बढ़ रहल बा |

 

बिन बात के रूठे क आदत रहे
केहू आपन क साथ पावे क चाहत रहे
तु खुश रहअ, हमार का.हम त आइना हई,
हमके त टूटे क आदत हवे..

 

हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले.
भोजपुरी सैड शायरी |

 

छोट लोग पइसा पइसा करेला
बड़ लोग टाइम टाइम.

 

टूटल जब सपना त के सुनी ई सिसकी
अन्तर क ई चीर व्यथा पलकन पर ठिठकल बा
भोजपुरी में सैड शायरी |

 

मुहब्बत ऊ बारिश हअ ..जेके छूवे के कोशिश में
हथवा त गीला हो जाय़ेला .आऊर अखिय़ो नम रहेला
बाकि हाथ फिर भी खालीय़े रहेला.

 

चलअ अच्छा भइल अब सुकून से त सुत सकेली हम.
बड़ी मुश्किल से आज दिल क मकांन खाली मिलल बा..

 

आज हमके ई बतावे के आपन मंज़ूरी दे द,
आज हमके ई अँखिया सजावे के मंज़ूरी दे द।
अपना मोहब्बत में हमरा के कैद कई ल,
आज जान तोहरा पे लुटावे के हमरा के मंज़ूरी दे द।।

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